बिछड़ते
हमसफ़र
कन्नी काटकर पीछा छुडाते अपने
दो पल के भटकाव को
मनहूसियत करार देते लोग
हर बात में मीन -मेख निकालने
वाले
लोगों के बीच संकोच भरा मन
सच्चे प्रेम को खो देने का गम
बंद
आँखें
अंधियारी गलियां ,
जल्दी से प्रकाश पूर्ण
गंतव्य की चाहत
आज का यही सच .