आज मै गुजरा उन तंग गलियों से
जहाँ बसता है असली हिन्दोस्तां
महसूस सा हुआ मुझे वहां जाकर
कि ये तो अभी ग़ुलामी का जीवन जी रहें हैं
कुछ भूख से बेहाल होकर रो रहे हैं
तो कुछ भुखमरी की आग़ोश में
मौत की गहरी नींद सो रहे हैं ..
आज मै गुजरा .......................................................
क्या यही आजादी है
कि एक तरफ सैकड़ों टन अनाज सड़ रहा है
वहीँ एक तरफ हमारी आबादी का बड़ा हिस्सा भूख से मर रहा है
आज का युवा खुद को खो रहा है
ज्यादा तेजी से आगे जाने के लिए नशे की आगोश में आ रहा है
बेरोजगारी के कारण
भ्रष्टाचारी , अपराधी बन रहा है
आज मै गुजरा ....................................................
आज भी राजा होते है
पर देश को नोचने खसोटने के लिए
विदेशियों से बचा धन
निर्विरोध उन्ही के बैंको में पहुँचाने के लिए
जिन्दों के शोषण के बारे में तो बहुत सुना था हमने
पर यहाँ तो मरने के बाद भी शोषण हो रहा है
हमारे सैनिक माँ कि एक पुकार पर
सीमा पर अपने प्राणों का बलिदान करते है
और
हमारे नेता उनके ताबूतों में भी घोटाले करते है
उस शहीद का परिवार भूख से बिलख बिलख कर रोता हैं
और दूसरी तरफ देश कि अस्मिता पर हमला करने वाला कसाब
बिरयानी खाने के बाद चैन की नींद सोता है
आज मै गुजरा ...............................................
कानून केवल कमजोरों के लिए है
लाठी चार्ज केवल जनता पर होता है
बड़े बड़े घोटाले करने वाले नेता
तिहाड़ में भी गद्दे पर सोता है ....................................
हम केवल मंदिर मस्जिद के नाम पर लड़ना जानते है
कभी धर्म तो कभी किसी और कारण से विभाजन चाहते है
आज मै गुजरा ................................................................
.
इतना सब कुछ सरेआम हो रहा है
और हमारे माननीय भरी संसद में कहते है
कि भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है
आज मै गुजरा ..................................................................
इतिहास गुम है साथ ही गुम है हमारी वो सोच
जिससे मिली थी आजादी
देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए
सशक्त विद्रोह मांग है वक़्त क़ी ...........................
जहाँ बसता है असली हिन्दोस्तां
महसूस सा हुआ मुझे वहां जाकर
कि ये तो अभी ग़ुलामी का जीवन जी रहें हैं
कुछ भूख से बेहाल होकर रो रहे हैं
तो कुछ भुखमरी की आग़ोश में
मौत की गहरी नींद सो रहे हैं ..
आज मै गुजरा .......................................................
क्या यही आजादी है
कि एक तरफ सैकड़ों टन अनाज सड़ रहा है
वहीँ एक तरफ हमारी आबादी का बड़ा हिस्सा भूख से मर रहा है
आज का युवा खुद को खो रहा है
ज्यादा तेजी से आगे जाने के लिए नशे की आगोश में आ रहा है
बेरोजगारी के कारण
भ्रष्टाचारी , अपराधी बन रहा है
आज मै गुजरा ....................................................
आज भी राजा होते है
पर देश को नोचने खसोटने के लिए
विदेशियों से बचा धन
निर्विरोध उन्ही के बैंको में पहुँचाने के लिए
जिन्दों के शोषण के बारे में तो बहुत सुना था हमने
पर यहाँ तो मरने के बाद भी शोषण हो रहा है
हमारे सैनिक माँ कि एक पुकार पर
सीमा पर अपने प्राणों का बलिदान करते है
और
हमारे नेता उनके ताबूतों में भी घोटाले करते है
उस शहीद का परिवार भूख से बिलख बिलख कर रोता हैं
और दूसरी तरफ देश कि अस्मिता पर हमला करने वाला कसाब
बिरयानी खाने के बाद चैन की नींद सोता है
आज मै गुजरा ...............................................
कानून केवल कमजोरों के लिए है
लाठी चार्ज केवल जनता पर होता है
बड़े बड़े घोटाले करने वाले नेता
तिहाड़ में भी गद्दे पर सोता है ....................................
हम केवल मंदिर मस्जिद के नाम पर लड़ना जानते है
कभी धर्म तो कभी किसी और कारण से विभाजन चाहते है
आज मै गुजरा ................................................................
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इतना सब कुछ सरेआम हो रहा है
और हमारे माननीय भरी संसद में कहते है
कि भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है
आज मै गुजरा ..................................................................
इतिहास गुम है साथ ही गुम है हमारी वो सोच
जिससे मिली थी आजादी
देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए
सशक्त विद्रोह मांग है वक़्त क़ी ...........................