Sunday, April 3, 2011

भूले भटके

किसी की राह खो गयी 
                किसी को चौराहा न मिल सका 
कभी सफ़र पर जब हम चले 
                  तो साथ तेरा न मिल सका 
सवाल तो बहुत से है 
                 पर जवाब देने वाला कोई न मिल सका 
जूनून तोअकारण ही शांत हो गया 
                  मगर सुकून मुझे न मिल सका 
यह आइनों का ख्वाब था 
                 वो देखने से रह गए .
किसी भी नर्म दोष पर 
                 उनके सामने सर ये न झुक सका 
अभी डग हमने भरा न था 
                 कि रास्ते सारे सिमट गए 
तेरा साथ ऐसा  छूटा 
                  कि कदम जिन्दगी के ठिठक गए .
अभी कल कि ही तो बात है 
                   वो मेरे साथ - साथ था 

जरा पलक क्या झपक गयी 
                  कि उसका साथ जीवन भर न मिल सका 

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